प्रदेश में बनेगा वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड : मुख्यमंत्री श्री चौहान

तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस पर ऐच्छिक अवकाश की घोषणा नगरों में शैक्षणिक भवन के लिए सहयोग देंगे जाट महाकुंभ भोपाल में आए मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के प्रतिनिधि

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जाट समाज साहसी, परिश्रमी और वीर समाज है। यह समाज देश के लिए अन्न भंडार भरने का कार्य भी करता है। भारतीय सेना में जाट रेजीमेंट को शामिल किया गया है। समाज में महाराज रणजीत सिंह से लेकर महाराजा यशोधर्मन, सूरजमल, भक्त कर्माबाई, महाराजा पोरस, श्री पूरनमल, राजा महेंद्र प्रताप सिंह जैसी हस्तियाँ रही हैं। वीर तेजाजी महाराज जाट समाज के आराध्य हैं। इस नाते जाट समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए मध्यप्रदेश में वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस तेजा दशमी पर ऐच्छिक अवकाश भी रहेगा। साथ ही शैक्षणिक भवन के लिए भोपाल, इन्दौर और ग्वालियर में आवश्यक पहल की जाएगी। स्कूली पाठ्यक्रम में जाट महापुरूषों के इतिहास को भी शामिल किया जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त कर सके।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भोपाल के बीएचईएल दशहरा मैदान में जाट महाकुंभ को संबोधित कर रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री विक्रम वर्मा, मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, विधायक श्रीमती नीना वर्मा, हरियाणा से आए श्री अभय चौटाला, श्री यशपाल मलिक, महिला मोर्चा मध्यप्रदेश की अध्यक्ष श्रीमती माया नारोलिया, प्रहलाद पटेल, सानिका जाट, श्री हनुमान बेनीवाल, श्री युद्धवीर सिंह, शैलाराम सारण, श्री राधेश्याम पटेल, श्री रामदीन पटेल, श्री बीलाश पटेल, श्री नरेन्द्र जाखड़, श्री शिव पटेल, श्री राधेश्याम पटेल, श्री निर्मल चौधरी सहित जाट समाज के जन-प्रतिनिधि और संस्थाओं के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से भी जाट समाज के प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाकुंभ में आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि वीर तेजस्वी तेजाजी महाराज ने गो-हत्या रोकने और गो-वंश-संरक्षण के लिए अथक प्रयास किए। ऐसा माना जाता है कि जाटों की उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओं से हुई है। मुगलों के प्रतिरोध के लिए जाट एक बड़ी सैन्य शक्ति के रूप में सामने आए थे। भरतपुर के शासक राजाराम जाट ने औरंगजेब के खिलाफ संगठित विद्रोह का कार्य किया था। उसी तरह महाराजा सूरजमल और उनके पुत्र जवाहर सिंह के शौर्य की कथाएँ सुनने को मिलती हैं। राजा नाहर सिंह, हीरा सिंह, भूपिंदर सिंह, रघुवीर सिंह जींद, राजा महेंद्र प्रताप सिंह जैसे जाट शासकों ने अमिट छाप छोड़ी है। स्वामी केशवानंद ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और समाज-सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मध्यप्रदेश के नर्मदांचल में हरदा, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, देवास, धार और इन्दौर में बड़ी संख्या में जाट समाज निवास करता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाज द्वारा दिए गए अन्य सुझावों पर भी परीक्षण के बाद आवश्यक कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें बाल्यकाल में जाट समाज से काफी स्नेह मिला है। सार्वजनिक जीवन में कार्य की शुरुआत के दौर में वरिष्ठ नेता श्री विक्रम वर्मा का मार्गदर्शन मिला। इसके बाद एक साथी के रूप में श्री कमल पटेल जुड़े। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रारंभ में तेजाजी महाराज की तस्वीर के समक्ष नमन किया। जाट महाकुंभ में पधारे अतिथियों का स्वागत किया गया।

स्वागत भाषण में श्री लक्ष्मीनारायण (पप्पू भाई) गोरा ने जाट समाज के महापुररूषों के योगदान की जानकारी दी। जाट समाज के साहस और शौर्य की प्रतीक हस्तियों पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

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