Rajasthan: जैन मुनि समर्थ सागर ने त्यागे प्राण, सम्मेद शिखरजी को लेकर आमरण अनशन कर रहे थे
मुनि समर्थ सागर महाराज का गुरुवार की मध्य रात्रि 1.20 बजे निधन हो गया। वे मुनि सुज्ञेय सागर के निधन के बाद आमरण अनशन पर बैठ गए थे। सुम्मेद शिखर को बचाने के लिए अब तक राजस्थान में दो जैन मुनियों ने अपने प्राण त्याग दिए।

सम्मेद शिखर को बचाने के लिए आमरण अनशन पर बैठे दूसरे जैन मुनि का भी निधन हो गया। जयपुर के सांगानेर स्थित संघी जी जैन मंदिर में 3 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे मुनि समर्थ सागर का गुरुवार की रात को निधन हो गया। इससे पहले मुनि सुज्ञेय सागर महाराज ने सम्मेद शिखर के लिए अपने जान दे दी थी।
मुनि समर्थ सागर महाराज का गुरुवार की मध्य रात्रि 1.20 बजे निधन हो गया। वे मुनि सुज्ञेय सागर महाराज के निधन के बाद अन्न-जल का त्याग कर आमरण अनशन पर बैठ गए थे। शुक्रवार को सुबह 8.30 बजे संघी जी जैन मंदिर से मुनिश्री की डोल यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालुगण शामिल हुए और आचार्य सुनील सागर महाराज ससंघ सानिध्य में जैन परंपराओं के अनुसार उनके देह को पंचतत्व में विलीन किया गया। बता दें कि सांगानेर स्थित जैन समाज के मंदिर में सम्मेद शिखर को बचाने के लिए मुनि सुज्ञयसागर अनशन पर बैठ गए थे। नौ दिनों बाद यानी मंगलवार को मुनि सुज्ञयसागर का निधन भी हो गया था।
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