हैप्पी बर्थडे मायावती: पॉलिटिशियन बनने के लिए छोड़ा IAS बनने का सपना, जहाज से मंगवाती थीं सैंडल, दरोगा करना चाहता था इनका एनकाउंटर
Happy Birthday Mayawati: मायावती के जीवन पर किताब लिखने वाले लेखक अजय बोस अपनी किताब ‘बहनजी- बायोग्राफी ऑफ मायावती’ में लिखते हैं कि यूपी में सीएम की कुर्सी तक पहुंचने वाली मायावती को अपने घर में ही भेदभाव का सामना करना पड़ता था।
अपने पॉलिटिकल करियर में मायावती ने कांशीराम का भरोसा जीता। अजय बोस ने लिखा है कि मायावती के कांशीराम के साथ नजदीकी को लेकर कांशीराम के सहयोगियों ने ही उनसे दुश्मनी मोल ली और धुर-विरोधी हो गए। लेकिन फिर भी उनका भरोसा एक दूसरे के लिए कायम रहा।
मायावती, भारतीय राजनीति में ऐसा नाम जिसने एक-दो बार नहीं बल्कि पूरे चार बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया। आज उनका जन्मदिन है। 15 जनवरी 1956 को जन्मीं मायावती आज 67 साल की हो गई हैं।
मायावती बचपन में IAS अफसर बनना चाहती थीं। लेकिन वे पहले टीचर बनीं और फिर पॉलिटिक्स में आईं। पॉलिटिक्स में आने पर उनके पिता ने तक ने उनका साथ छोड़ दिया था। उनके राजनीतिक करियर से लेकर जिंदगी के हर मोड़ की कहानी बेहद दिलचस्प है। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें…
कहानी में सबसे पहले मायावती के शुरुआती दिनों के बारे में जान लेते हैं…
मां अनपढ़ थीं लेकिन बच्चों को खूब पढ़ाया, पिता सरकारी क्लर्क थेमायावती का जन्म नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रभु दयाल था। वो एक गवर्नमेंट एम्प्लॉयी थे। मायावती की मां का नाम रामरती देवी था।
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