टेरर फंडिंग: इंदौर की 5, भोपाल की 2, ग्वालियर की 1 फर्म नकदी ट्रांसफर के कारण एटीएस के रडार पर

राज्य जीएसटी विभाग ने भोपाल में पंजीकृत दो डीलर समेत प्रदेश के आठ डीलर्स के खिलाफ एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) में मामला दर्ज कराया है। विभाग ने ये कदम टेरर फंडिंग की आशंका में उठाया। इनमें 5 फर्म इंदौर की और एक ग्वालियर की है। संदिग्धों ने नाम-पते के दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर जीएसटी पंजीयन हासिल किया। विभाग को आशंका है कि वे सर्कुलर ट्रेडिंग कर रहे थे।


इसके जरिए एक जगह से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेकर दूसरी जगह भेजा जा रहा था। जीएसटी में एक ही वस्तु पर बार-बार टैक्स नहीं लगता। माल बेचने वाला व्यापारी टैक्स चुकाता है। खरीदने वाला टैक्स देता जरूर है। लेकिन उसे बेचने वाले व्यापारी से टैक्स क्रेडिट मिल जाती है। वह इसके जरिए दूसरे टैक्स की देनदारी चुका देता है। लेकिन जीएसटी आने के बाद टैक्स क्रेडिट में बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं।


एक माह से पड़ताल में जुटा था विभाग फर्म न माल भेजती हैं न मंगाती हैं, बोगस बिल जनरेट करती हैंविभाग ने छापे मारे... तो मिली इनकी जानकारी


विभाग पिछले एक माह से गलत ढंग से टैक्स क्रेडिट लेने वाले व्यापारियों की पहचान कर रहा था। 25 नवंबर तक जिन व्यापारियों ने गलत ढंग से ली गई क्रेडिट रिवर्स नहीं की, उनके खिलाफ छापामार कार्रवाई प्रारंभ की। इस दौरान इन फर्मों के बारे में जानकारी हुई। आशंका जताई गई कि इन फर्मों के पास लाखों रुपए की आईटीसी थी। लेकिन फर्मों ने पंजीयन लेने के लिए दस्तावेजों से छेड़छाड़ की।

आईटीसी के बदले कैश

सूत्र कहते हैं कि ये कंपनियां न माल मंगाती हैं, न भेजती हैं। वे केवल बोगस बिल जनरेट करती हैं। इसके जरिए वे आईटीसी भी एकत्र कर लेती हैं। फिर यह आईटीसी किसी फर्म को ट्रांसफर करके उसके जरिए नकद राशि ले लेती हैं। इसकी आशंका में राज्य कर विभाग की ओर से यह मामला एटीएस को दिया गया।

सर्कुलर ट्रेडिंग की आशंका है

हमें आशंका थी कि यह फर्में आईटीसी के जरिए सर्कुलर ट्रेडिंग कर रहीं हैं। इसी के चलते हमने यह मामला एटीएस को दिया।

लोकेश जाटव, कमिश्नर, वाणिज्यिक कर विभाग, मप्र 

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